इस तरह तय हुई टीएस सिंहदेव की उपमुख्यमंत्री की कुर्सी....
रायपुर। दिल्ली में कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व के साथ छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ नेताओं की बैठक में प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव को उपमुख्यमंत्री बनाने का फैसला हुआ। कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव संगठन केसी वेणुगोपाल ने सिंहदेव को उपमुख्यमंत्री बनाने की घोषणा की। राज्य गठन के बाद पहली बार किसी नेता को उपमुख्यमंत्री की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
कांग्रेस के उच्च पदस्थ सूत्रों की मानें तो टीएस सिंहदेव को उपमुख्यमंत्री घोषित करने से पहले केंद्रीय नेतृत्व ने सरकार और संगठन से रिपोर्ट ली। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पिछले साढ़े चार साल में हुए काम का ब्यौरा पेश किया। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने संगठन की गतिविधियों की जानकारी दी।
सीएम बघेल और मरकाम की रिपोर्ट के बाद केंद्रीय संगठन की तरफ से अपनी सर्वे रिपोर्ट रखी गई। कांग्रेस के उच्च पदस्थ सूत्रों की मानें तो केंद्रीय संगठन की रिपोर्ट में टीएस सिंहदेव को मुख्यमंत्री नहीं बनाए जाने की नाराजगी की जानकारी रखी गई। सिंहदेव के पंचायत विभाग को छोड़ने के बाद न सिर्फ पार्टी की किरकिरी हुई, बल्कि जनता में भी गलत संदेश पहुंचा।
इस रिपोर्ट के बाद केंद्रीय संगठन ने मंत्री ताम्रध्वज साहू, शिव डहरिया, कवासी लखमा, मोहम्मद अकबर वरिष्ठ विधायक सत्यनारायण शर्मा, धनेंद्र साहू की राय ली। सभी नेताओं ने केंद्रीय संगठन के सर्वे को लेकर अपना पक्ष रखा। उसके बाद राष्ट्रीय महामंत्री संगठन की तरफ से टीएस सिंहदेव को उपमुख्यमंत्री बनाए जाने का प्रस्ताव रखा गया। विधानसभा चुनाव में पार्टी की दोबारा जीत के लिए सिंहदेव को उपमुख्यमंत्री बनाना केंद्रीय संगठन में आवश्यक माना, जिसके बाद देर शाम सिंहदेव को उपमुख्यमंत्री बनाने की घोषणा हुई।
सिंहदेव के उपमुख्यमंत्री बनने के मायने
पिछले विधानसभा चुनाव में टीएस सिंहदेव कांग्रेस घोषणा पत्र समिति के अध्यक्ष थे। कांग्रेस के घोषणा पत्र पर भरोसा करके जनता ने वोट दिया और सरकार बनी। पिछले साढ़े चार साल में कई अवसर ऐसे आए, जब सिंहदेव ने घोषणा पत्र के वादों को पूरा करने में असमर्थता जताई। सरगुजा रियासत के राजा टीएस सिंहदेव के पक्ष में क्षेत्र की जनता थी। यही कारण है कि पिछले चुनाव में सरगुजा की 14 विधानसभा सीट में सभी पर कांग्रेस की जीत हुई। क्षेत्र की जनता ने सिंहदेव के चेहरे को देखकर वोट दिया। अब उनको उपमुख्यमंत्री की जिम्मेदारी मिलने से सरगुजा में होने वाले डैमेज को कंट्रोल करने के रूप में देखा जा रहा है।
जानिए कौन हैं सिंहदेव
सिंहदेव का जन्म 31 अक्टूबर 1952 को इलाहाबाद में सरगुजा के शाही परिवार में हुआ था। पिता एमएस सिंहदेव मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव पद से सेवानिवृत्त हुए थे। मां देवेन्द्र कुमारी मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री रह चुकी हैं। सिंहदेव ने हाईस्कूल की पढ़ाई सिंधिया स्कूल ग्वालियर से की थी।दिल्ली के हिंदू कालेज से इतिहास में स्नातक की उपाधि ली। भोपाल के हमीदिया कालेज से पोस्ट ग्रेजुएशन किया।
सिंहदेव का राजनीतिक करियर अंबिकापुर नगर परिषद से शुरू हुआ। वे 1983-88 और 1995-99 में यहां के अध्यक्ष रहे। 2008 में सरगुजा की अंबिकापुर विधानसभा सीट से विधायक चुने गए। फिर 2013 और 2018 में भी जीतकर विधायक बने। 2013 विधानसभा चुनाव के बाद उनको कांग्रेस विधायक दल का नेता बनाया गया। वर्ष 2018 में कांग्रेस सरकार बनने के बाद उनको स्वास्थ्य, वाणिज्यकर और पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग का मंत्री बनाया गया। उन्होंने पिछले साल पंचायत विभाग से इस्तीफा दे दिया था।