छत्तीसगढ़ के निलंबित अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक जीपी सिंह ने जमानत के लिए हाईकोर्ट में सोमवार को याचिका दायर की है। आईपीएस जीपी सिंह को एंटी करप्शन ब्यूरो ने गिरफ्तार किया है। जीपी सिंह पर आय से अधिक संपत्ति, भ्रष्टाचार व राजद्रोह का मामला दर्ज है। कोर्ट ने उन्हें दो बार पुलिस रिमांड पर दिया था। अभी वे न्यायिक अभिरक्षा में रायपुर जेल में बंद है। पुलिस रिमांड में एसीबी ने उनसे 200 से अधिक सवाल पूछे गए, जिसका उन्होंने जवाब भी दिया है। याचिका में कहा गया है कि जीपी सिंह ने गिरफ्तारी से पहले ही EOW को नोटिस का जवाब दे चुके हैं। उन्होंने एसीबी को पूछताछ में पूरा सहयोग किया है। संवैधानिक अधिकार के तहत अब उन्हें अपनी संपत्ति का ब्यौरा देने जेल से बाहर आना जरूरी है। जमानत याचिका पर सुनवाई कब होगी इसकी तिथि अभी तय नहीं हुई है। 11 जनवरी को हरियाणा के गुरुग्राम से जीपी सिंह को गिरफ्तार किया गया था। जीपी सिंह अभी सस्पेंड चल रहे हैं। छत्तीसगढ़ एंटी करप्शन ब्यूरो के चीफ रह चुके IPS जीपी सिंह पर राजद्रोह, आय से अधिक संपत्ति का केस दर्ज है। 1 जुलाई 2021 को एसीबी की टीम ने उनके 15 ठिकानों पर छापेमारी कर 10 करोड़ रुपए के अनुपातहीन संपत्ति का खुलासा किया था। इसके बाद एसीबी-ईओडब्ल्यू में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम सहित विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया गया था। जीपी सिंह छह महीन तक फरार थे, जिसकी बाद उसकी गिरफ्तारी हुई है।


एक समय राज्य के ताकतवर पुलिस अधिकारी माने जाने वाले जीपी सिंह को पहले हाईकोर्ट ने कोई राहत नहीं दी। इसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, लेकिन कोर्ट ने राहत देने से इनकार कर दिया। इसके बाद 11 जनवरी को उन्हें गुरुग्राम से गिरफ्तार किया गया, जिसके बाद सड़क मार्ग से उन्हें 12 जनवरी को रायपुर लाया गया था। जीपी सिंह जब पहली बार कोर्ट पहुंचे थे तो उन्होंने इस मामले को फैब्रिकेटेड बताया था। कोर्ट ने पहले दो दिनों की पुलिस रिमांड का आदेश दिया था, लेकिन एसीबी द्वारा पूछताछ में समय लगने की बात कहने पर कोर्ट ने चार दिनों की रिमांड अवधि अवधि बढ़ाई थी। 14 जनवरी को कोर्ट परिसर में जीपी सिंह ने इस मामले को पॉलिटिकल विक्टमाइजेशन बताया था। 18 जनवरी को उन्हें फिर 14 दिनों की न्यायिक रिमांड पर जेल भेजा गया है। छत्तीसगढ़ के इतिहास में पहली बार किसी आईपीएस को न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया है।