भारतीय पशु कल्याण बोर्ड (एडब्ल्यूबीआइ) ने पतंग उड़ाने के लिए उपयोग में लाए जाने वाले घातक तेज धागे अथवा मांझे पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का सुझाव दिया है। बोर्ड ने इसे वन्यजीवों की रक्षा के लिए आवश्यक कदम बताया।

पेटा-इंडिया ने भी बोर्ड के सुझाव का स्वागत किया

पशुओं के अधिकारों के लिए काम करने वाली संस्था पेटा-इंडिया ने भी बोर्ड के सुझाव का स्वागत किया है। एडब्ल्यूबीआइ ने कहा कि वह कांच-लेपित, धातु, प्लास्टिक अथवा अन्य तेज मांझा व धागों पर प्रतिबंध लगाने की वकालत करता रहा है।

मंत्रालय ने वन्यजीवों के लिए खतरा पैदा करने वाले हानिकारक मांझों की समस्या के निस्तारण के लिए सितंबर 2014 में राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के सभी मुख्य सचिवों को निर्देश जारी किया था।

अधिसूचनाओं में संशोधन करने का अनुरोध किया

बोर्ड ने बताया कि राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) ने भी जुलाई 2017 के फैसले में सभी राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों को नायलान या किसी सिंथेटिक सामग्री से बने, सिंथेटिक पदार्थों से लेपित और गैर-लेपित मांझा धागों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का निर्देश दिया था। बोर्ड ने इस प्रकार के मांझे के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने के लिए पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986 के तहत संबंधित अधिसूचनाओं में संशोधन करने का अनुरोध किया है।