कोटा। शिक्षा नगरी कोटा इस समय कोचिंग स्टूडेंटों की मौत से चिंतित है। वहीं, एक बार फिर कोटा में एक छात्र ने सुसाइड कर लिया है। प्रतियोगी परिक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्र ने कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। मृतक छात्र महाराष्ट्र का रहने वाला था और वह कोटा में आईआईटी जेईई की परिक्षा की तैयारी कर रहा था। छात्र की उम्र केवल 17 साल थी।

फांसी लगाकर की आत्महत्या

जानकारी के मुताबिक छात्र से मिलने के लिए उसके माता-पिता आए हुए थे, लेकिन उन्हें क्या खबर थी कि उन्हें अपने बेटे के शव के साथ घर लौटना पड़ेगा। जैसी ही मृतक माता-पिता नाश्ता करने के बाद बाहर गए थे, उसी समय छात्र ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। माता-पिता जब वापस लौटे तो उन्होंने दरवाजा खटखटाया पर बेटे ने काफी देर तक दरवाजा नहीं खोला। ऐसे में माता-पिता को शक हुआ और उन्होंने दरवाजा तोड़ दिया।

दो महीने पहले ही कोटा आया था छात्र

बेटे का शव फासी के फंदे से लटका मिला, जिसे देखते ही माता-पिता को बुरा हाल हो गया। वह फौरन बच्चे को अस्पताल लेकर भागे, लेकिन डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। इसकी सूचना पुलिस को दी गई, उन्होंने शव को बरामद कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। वह दो महीने पहले देश का कोचिंग हब कहे जाने वाले कोटा आया था।

पढ़ाई के तनाव के कारण की आत्महत्या

पुलिस ने कहा कि अभी आत्महत्या के कारणों का पता नहीं चल सका है, लेकिन मामले की जांच जारी है। वहीं, पुलिस ने यह भी कहा कि मृतक छात्र ने पढ़ाई के तनाव में आ कर मौत को गले लगाया है। कोटा में अत्यधिक मांग और प्रतिस्पर्धी राष्ट्रीय परीक्षाओं को क्रैक करने की तैयारी कर रहे छात्रों की आत्महत्या से बड़ी संख्या में मौतें हुई हैं।

छात्रों का होगा एप्टीट्यूड टेस्ट

राजस्थान सरकार कोचिंग सेंटरों को विनियमित करने के लिए एक कानून लाने की योजना बना रही है। राज्य सरकार कोटा के कोचिंग सेंटरों में दाखिला लेने से पहले छात्रों का एप्टीट्यूड टेस्ट लेना चाहती है ताकि यह देखा जा सके कि वे मेडिकल और इंजीनियरिंग की परीक्षा देने के लिए तैयार हैं या नहीं।