राजस्थान में सरकार स्वास्थ्य सेवा को लेकर तेजी से काम कर रही हैं. अभी बारिश का मौसम चल रहा है, ऐसे में कोचिंग सेंटर और हॉस्टलों में डेंगू और मलेरिया से बचाव के लिए सरकार की तरफ से अभियान चलाया जाएगा. कोचिंग सेंटर और हॉस्टल में नियमित निरीक्षण करने के साथ ही स्टूडेंट्स को सावधानियां अपनाने के लिए मोटिवेट किया जाएगा. एडमिशन शुरू होने पर राजस्थान में छात्रों की संख्या बढ़ने वाली है. ऐसे में स्वास्थ्य विभाग ने एक अभियान चलाने का निर्णय लिया है. 

चिकित्सा और स्वास्थ्य विभाग की मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह ने कहा कि अंतर्विभागीय समन्वय के साथ मिलकर मौसमी बीमारियों पर रोकथाम के लिए प्रबंध किया जाए. इसमें किसी तरह की कमी नहीं रहनी चाहिए. उन्होंने अधिक प्रभावित जिलों में जिला कलक्टरों की मदद से अन्तर्विभागीय समन्वय करते हुए बचाव के बेहतर इंतजाम करने के निर्देश दिए हैं.

मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह ने कहा कि ओडीके ऐप मौसमी बीमारियों की ऑनलाइन मॉनिटरिंग को और बेहतर बनाया जाए. मच्छरों के पनपने वाली जगहों का उपचार स्वायत्त शासन विभाग और पंचायती राज विभाग के माध्यम से कराया जाए. उन्होंने जिलेवार डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया रोगों की जांच करते हुए कहा कि प्रदेश में वर्तमान में मौसमी बीमारियों की स्थिति कंट्रोल में हैं. 

शुभ्रा सिंह ने कहा ने कहा कि राज्य के 46 जिलों में डेंगू, मलेरिया पर प्रबंधन पिछले साल से बेहतर हैं, लेकिन मानसून को देखते हुए अलर्ट रहने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि मानसून में जगह-जगह पानी जमा होने की संख्या में बढ़ोतरी से मच्छर ज्यादा पनपते हैं. भारत सरकार और जनस्वास्थ्य एक्सपर्ट्स ने इस साल देश में मच्छर से फैलने वाले रोगों की अधिक सम्भावना जताई है. इसे देखते हुए बचाव और नियंत्रण की उपयुक्त कार्यवाही की जाए.

जागरूक करने पर दिया जोर

चिकित्सा और स्वास्थ्य विभाग की मुख्य सचिव ने लोगों को मच्छर से फैलने वाले रोगों से बचाव के लिए जागरूक करने पर जोर दिया है. उन्होंने बैठक के दौरान कोटा और जैसलमेर के जिला कलक्टरों से बातचीत कर मलेरिया से बचाव और नियंत्रण के उपायों की जानकारी ली है और मौसमी बीमारियों की राज्य स्तर पर होने वाली रिपोर्टिंग का मूल्यांकन कर उन जिलों को फीडबैक और सुधार के उपाय देने  का निर्देश दिया है.