उदयपुर । राजस्थान साहित्य अकादमी उदयपुर की ओर से दिए जाने वाले वार्षिक पुरस्कारों के तहत वर्ष 2023-24 का सर्वोच्च मीरां पुरस्कार जयपुर निवासी रत्नकुमार सांभरिया को उनके उपन्यास ‘सांप’ के लिए दिया जाएगा। वहीं अकादमी के सम्मान परंपरा में सर्वोच्च सम्मान ‘साहित्य-मनीषी’ से प्रगतिशील लेखक, चिंतक और विचारक, अकादमी के पूर्व अध्यक्ष वेद व्यास को सम्मानित किया जाएगा। अकादमी के जनार्दनराय नागर सम्मान से प्रख्यात आलोचक, विद्वान डॉ. रणजीत को समादृत किया जाएगा।
अकादमी सचिव डॉ. बसंत सिंह सोलंकी ने बताया कि अकादमी के मीरां भवन में आयोजित संचालिका एवं सरस्वती सभा की बैठक के अनुमोदन के बाद अकादमी अध्यक्ष डॉ. दुलाराम सहारण ने उक्त पुरस्कारों की घोषणा की। सचिव डॉ. सोलंकी ने बताया कि अकादमी के वर्ष 2023-24 के पुरस्कारों की श्रृंखला में सुधींद्र पुरस्कार उदयपुर के चेतन औदिच्य को कविता संग्रह ‘पानी’ के लिए, रांगेय राघव पुरस्कार जालोर के पुरुषोत्तम पोमल के उपन्यास ‘पाषाण पुत्री क्षत्राणी हीरा-दे’ के लिए देवराज उपाध्याय पुरस्कार बीकानेर के आलोचक हरीश बी. शर्मा की कृति ‘प्रस्थान बिंदु’ के लिए, कन्हैयालाल सहल पुरस्कार जयपुर के राघवेंद्र रावत को डायरी ‘मारक लहरों के बीच’ के लिए दिया जाएगा। वहीं नाटक विधा का देवीलाल सामर पुरस्कार अजमेर के रासबिहारी गौड़ को कृति ‘गांधी जिंदा है’ के लिए, बाल साहित्य का शंभूदयाल सक्सेना पुरस्कार कोटा मूल की चेन्नई निवासी रोचिका अरुण शर्मा की कथाकृति ‘किताबों से बातें’ के लिए तथा प्रथम कृति सुमनेश जोशी पुरस्कार उदयपुर के बिलाल पठान को ‘अब पेड़ फल बेचेंगे’ को दिया जाएगा।