पुलिस ने इंटरनेट मीडिया पर अश्लील वीडियो प्रसारित करने वालों को किया अलर्ट...
रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा मानसून सत्र के दौरान मंगलवार 18 जुलाई को फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी कर रहे कर्मचारियों और अधिकारियों को बर्खास्त करने की मांग को लेकर रायपुर में एसटी-एससी युवाओं ने नग्न प्रदर्शन किया। एक दर्जन से ज्यादा युवाओं ने विधानसभा के पास हाथ में तख्तियां लेकर विरोध किया। इस दौरान निर्वस्त्र होकर प्रदर्शनकर रहे लोगों द्वारा निर्वस्त्र होकर बनाये गये अश्लील वीडियो को सोशल मीडिया के विभिन्न ग्रुपों में वायरल भी कर दिया गया था। इसमें पुलिस ने 29 प्रदर्शन करने वालों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। वहीं अब मामले को गंभीरता से लेते हुए पुलिस ने कहा कि नग्न प्रदर्शन के वीडियो को किसी को फारवर्ड या शेयर ना करें।
पुलिस ने अलर्ट करते हुए कहा है कि प्रदर्शनकारियों द्वारा बनाये गये अश्लील वीडियो को यदि कोई भी व्यक्ति सोशल मीडिया में या अन्य माध्यम से प्रचार-प्रसार कर अश्लीलता फैलाने का प्रयास करेगा, तो उसके विरूद्ध भी आईटी एक्ट की धारा 67(ए) के तहत कार्रवाई की जा सकती है। इसलिए नग्न प्रदर्शन के वीडियो को किसी को फारवर्ड या शेयर ना करें। बता दें कि पुलिस ने निर्वस्त्र होकर प्रदर्शनकर रहे 29 आरापितों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपितों का मोबाइल फोन चेक करने पर उनके द्वारा निर्वस्त्र होकर बनाये गये अश्लील वीडियो को सोशल मीडिया के विभिन्न ग्रुपों में वायरल भी कर दिया गया था। जिस पर 29 आरोपितों को गिरफ्तार कर उनके
गौरतलब है कि प्रदर्शनकारियों द्वारा जिला प्रशासन से निर्वस्त्र होकर विधानसभा घेरने हेतु अनुमति मांगी गयी थी जिन्हें अनुमति न देकर निरस्त कर दिया गया था। साथ ही उन्हें जानकारी भी उपलब्ध कराई गई थी जो मांग आप लोगों के द्वारा की जा रही है उनमें से पूर्व में भर्ती हुए और लंबे समय से कार्यरत फर्ज़ी जाति प्रमाण पत्र वाले 267 लोगों पर कार्रवाई के संबंध में राज्य शासन द्वारा संबंधित विभागों को कार्रवाई के लिए साल 2020 में पत्र जारी किया गया था। इसमें से 40 लोगों को बर्खास्त किया जा चुका है, कुछ के प्रकरण में कार्रवाई प्रक्रियाधीन है जबकि ज़्यादातर प्रकरणों में माननीय न्यायालय से स्टे है। इसके बावजूद प्रदर्शनकारियों ने अवैधानिक और भारतीय सामाजिक मूल्यों के विपरीत निर्वस्त्र होकर अश्लील प्रदर्शन किया गया।