रामगंज मंडी । रामगंज मंडी में गरबा महोत्सव के तीसरे दिन अलग-अलग संस्कृतियों का अद्भुत संगम देखने को मिला। यहां महिलाओं और बालिकाओं ने राजस्थानी, गुजराती और बंगाली शैली में गरबा किया। सभी ने आकर्षक पारंपरिक वेशभूषा पहनकर गरबा किया। शहर की कॉलोनियों और सार्वजनिक स्थलों पर कई गरबा पंडाल सजाए हैं जिन्हें देखने के लिए हजारों लोग उमड़ रहे हैं। कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए हर पंडाल में पुलिस के केवल 3 जवानों की ड्यूटी लगाई गई है।
वहीं शहर के स्टेशन चौराहे पर रामलीला के प्रसंग चल रहे हैं। शनिवार को रामलीला के तीसरे दिन श्रीराम और लक्ष्मण अपने गुरु विश्वामित्र के साथ सीता स्वयंवर में पहुंचे। जनकपुर में सीता स्वयंवर के दौरान श्रीराम ने शिव धनुष तोड़कर सीता से विवाह का मंचन किया। गोरधनपुरा में लोग मिनी मेले का आनंद ले रहे हैं जहां भव्य गरबा महोत्सव भी चल रहा है। बालिकाओं ने चुनरी थीम पर गरबा की प्रस्तुति दी। बंगाली समाज के गरबा महोत्सव में भी बंगाली महिलाओं और बालिकाओं ने पारंपरिक बंगाली गरबा किया। इस गरबा महोत्सव को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग उमड़े। कई स्थानों पर गरबा नॉनस्टॉप देर रात तक चलता रहा जिसमें युवाओं ने भी जमकर गरबा खेला। अंत में पंडालों में मां दुर्गा की आरती के बाद महोत्सव संपन्न हुआ।