जयपुर। उत्तर पश्चिम रेलवे ने बढ़ते हुए यात्रीभार के कारण टिकट चेकिंग अभियान तेज कर दिया है। रेलवे की निगाहें अब ऐसे लोगों पर रहती है जो किसी अपने को छोड़ने रेलवे स्टेशन पर आते हैं और बिना टिकट लिए प्लेटफॉर्म तक चले जाते हैं या फिर छोटी दूरी के लिये बिना टिकट ट्रेन में सफर करते हैं। जैसे ही ऐसे लोगों की पहचान होती है तो उनसे फौरन जुर्माना वसूल करने के लिए टीटी पहुंच जाता है। बीते एक साल में उत्तर पश्चिम रेलवे ने बिना टिकट के रिकॉर्ड 8 लाख मामले दर्ज कर यात्रियों और अन्य लोगों से बतौर जुर्माना 43 करोड़ वसूल डाले।
  आम तौर पर किसी भी रिश्तेदार या दोस्त को छोड़ने के लिए उनके अपने रेलवे स्टेशन तक चले ही आते हैं। सी-ऑफ करने आने वालों के लिए नियम है कि वो प्लेटफॉर्म टिकट खरीद कर ही प्लेट फार्म तक आ सकते हैं। आंकड़ों पर गौर करें  तो लगता है कि पिछले एक साल में लोगों ने जैसे प्लेटफॉर्म टिकट के नियम को भुला ही दिया है। इसके साथ ही साथ बिना टिकट लिए ट्रेन में सफर करने का जोखिम भी भरपूर उठाया। उत्तर पश्चिम रेलवे के सीपीआरओ कैप्टन शशि किरण के अनुसार यही वजह है कि सिर्फ एक ही साल में केवल उत्तर पश्चिम रेलवे जोन में ही 8 लाख ऐसे मामले दर्ज किए गये हैं। इनमें दोनों के तरह के मामले शामिल हैं। एक वे जब लोग बिना प्लेटफॉर्म टिकट लिए रिश्तेदारों को टहलते हुए प्लेटफॉर्म तक छोड़ने आ गए और दूसरे वे जो बिना टिकट लिये ट्रेन में सवार हो गए। रेलवे ने दोनों ही तरह के केसेज को मिलाकर ऐसे यात्रियों और लोगों से पूरे 43 करोड़ रुपये वसूले हैं। इनमें सबसे ज्यादा बिना टिकट के मामले जयपुर में दर्ज किये गये हैं।
  टिकट चेकिंग ड्राईव उत्तर पश्चिम रेलवे के तहत केवल जयपुर रेलवे स्टेशन पर ही नहीं चलाई जा रही बल्कि चारों मंडल पर चलाई जा रही है। इसमें जयपुर के अलावा जोधपुर, अजमेर और बीकानेर भी शामिल हैं। इन चारों रेलवे स्टेशन को मिलाकर रेलवे ने देखते ही देखते पिछले एक साल में 43 करोड़ रुपये कमा लिए। ये 43 करोड़ रुपये उन लोगों ने चुकाए हैं जो प्लेटफॉर्म टिकट खरीदे बिना रेलवे स्टेशन के भीतर चले गए थे और तो और बिना टिकट लिये ट्रेन में सवार होकर बेफिक्री से सफर पर भी निकल पड़े थे।