मानसून की बारिश ने बरपाया कहर, 22 दिन में 679 मौतें
नई दिल्ली । भारी बारिश से कई राज्यों में भारी तबाही मची है। देशभर में वर्षाजनित हादसों में मरने वालों की संख्या 679 हो गई है। इसमें हिमाचल प्रदेश और गुजरात में मौत का आंकड़ा 100 को पार कर गया है। सबसे ज्यादा मौतें गुजरात में हुई है। यहां बारिश से मरने वालों की संख्या 103 हो गई है, वहीं हिमाचल में 100 लोगों की मौत हुई है, जबकि कर्नाटक में 87, राजस्थान में 36, पंजाब में 11, हरियाणा में 19 मौतें हुई। इसी तरह बिहार, उत्तरप्रदेश और मणिपुर में भी बारिश से कई जानें जा चुकी है, जबकि मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र में बारिश से 92 लोगों की मौत हो चुकी है। दिल्ली में यमुना का कहर कुछ ठंडा पड़ा है, लेकिन अब उत्तरप्रदेश में उफनती गंगा ने तबाही लाना शुरू कर दी है। यहां प्रयागराज और वाराणसी में गंगा का जल स्तर बढऩे के बाद सभी घाट और मंदिर डूब गए हैं। मप्र के कई इलाकों में हो रही बारिश से नदी नाले उफान पर आ गए हैं। नर्मदा, शिवना, क्षिप्रा, ताप्ती, बेतवा और रायसेन की बीना समेत कई नदियां का जलस्तर बढ़ गया है। टीकमगढ़ में धसान नदी पर बने बान-सुजारा बांध के गेट खोलकर पानी छोड़ा गया है। वहीं बैतूल के सारणी में सतपुड़ा बांध के पांच गेट खोलने पड़े हैं। देवास जिले में स्टॉप डैम में डूबने से टीआई की मौत हो गई। रविवार को भोपाल समेत कई जिलों में बारिश का दौर जारी रहा। भोपाल में सुबह से बूंदाबांदी होती रही। शाम को 4 बजे के बाद तेज बारिश शुरू हो गई। बैतूल जिले में शनिवार रात से ही बारिश हो रही है। सारणी इलाके में सतपुड़ा बांध के 5 गेट दो-दो फुट खोले गए। तवा नदी में लगातार बढ़ रहे पानी की वजह से बांध के गेट खोलने पड़े है। यहां एक दिन में करीब दो इंच बारिश दर्ज की गई है। जिले में अब तक करीब 14 इंच बारिश हो चुकी है। नदी में डूबने से टीआई की मौत देवास जिले के नेमावर थाने पर पदस्थ टीआई राजाराम वास्कले की रविवार को नदी में डूबने से मौत हो गई। दरअसल उन्हें जामनेर नदी पर बने स्टॉप डैम में एक लाश होने की सूचना मिली थी। उन्होंने पानी में कूदकर उसे निकालने की कोशिश की, लेकिन सफल नहीं हुए। उसके बाद फिर उन्होंने उस शव को निकालने का प्रयास किया। इस बार वो वहां फंस गए। उसके बाद वहां मौजूद जवानों और ग्रामीणों ने रस्से की मदद से उन्हें निकाला और अस्पताल ले गए। जहां से उन्हें हरदा जिला अस्पताल रेफर किया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। कई गांवों का संपर्क कटा रायसेन जिले में बीते 3 दिनों से कभी माध्यम तो कभी तेज बारिश का दौर जारी है। यहां शनिवार रात से रिमझिम बारिश का दौर जारी है। जिले के बेगमगंज में बीना नदी उफान पर है। जिसके चलते दो दर्जन से ज्यादा गांवों का सड़क संपर्क टूट गया है। नदी के पुल पर करीब 2 फीट पानी है। जिससे आवाजाही बाधित हुई है। सागर में भारी बारिश के कारण बाढ़ जैसी स्थिति बन गई है। निचले इलाकों में पानी भर गया है। यहां दो दिन में 6.51 इंच बारिश रिकॉर्ड हुई। 5.59 इंच पानी तो एक दिन में गिर गया।????? बड़वानी में राजघाट स्थित पुराने पुल से नर्मदा नदी खतरे के निशान से 4 मीटर ऊपर बह रही है। यह पुल 127.50 मीटर पानी आने पर डूबता है।? ओरछा में बेतवा नदी का जलस्तर बढ़ा प्रदेश में लगातार हो रही बारिश से प्रदेश से निकलने वाली नदिओं का जलस्तर बढ़ता जा है। निवाड़ी के ओरछा से निकालने वाली बेतवा नदी में भी डैम से करीब 4 लाख क्यूसेक पानी को धीरे धीरे छोड़ा जा था है। जिससे बेतवा नदी के जलस्तर में काफी इजाफा हुआ है। कल ही माताटीला डैम से जिला प्रशासन को पानी छोडऩे की सूचना आई थी। जिसके बाद प्रशासन ने नदी के आस पास के इलाकों में अलर्ट जारी कर दिया था। जलमग्न हुआ जटाशंकर धाम छतरपुर के जटाशंकर धाम में मूसलाधार बारिश होने से यह धार्मिक स्थल जलमग्न हो गया है। बारिश इतनी तेज थी कि देखते ही देखते ही पानी ने पूरी जगह को अपनी आगोश में ले लिया। बुंदेलखंड के केदारनाथ कहे जाने वाले जटाशंकर धाम में भारी संख्या में शिव भक्त दर्शन करने के लिए पहुंचे हुए थे, लेकिन इस दौरान तेज बारिश हुई और बारिश का पानी सीढिय़ों सहित पूरे मंदिर परिसर में भर गया। जिससे भक्त इधर उधर छिपते नजर आए। वही मंदिर के ऊपर स्थित पहाड़ी से जल की धारा इतनी तेज थी कि भक्तों में हड़कंप मचा हुआ था। गनीमत यह रही कि कोई अनहोनी या भक्त पानी के तेज बहाव की चपेट में नहीं आया।