नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‎पिछले ‎दिनों हंसलपुर संयंत्र में भारत की पहली इन-प्लांट ऑटोमोबाइल रेलवे साइडिंग का उदघाटन किया। इसकी बदौलत मारुति रेलवे के जरिये सालाना 3,00,000 कारों की ढुलाई कर सकेगी। इस पूरी परियोजना की लागत 1,081 करोड़ रुपये है। उन्होंने कहा कि ईमानदारी से कहें तो भले ही हमें इस परियोजना के कारण कुछ न बच रहा हो, लेकिन फिर भी हमें काफी खुशी होगी क्योंकि इससे हमें बड़ा पैमाना मिल रहा है। यह कारों की ढुलाई का बहुत ही सुरक्षित, कुशल और स्वच्छ तरीका है। अगर रेल का बुनियादी ढांचा नहीं होता तो हमें क्षमता संबंधी बाधा झेलनी पड़ती। वित्तीय बचत के बिना भी यह कारों के परिवहन का बेहतर तरीका है। इस नई लाइन का परिचालन साल 2026-27 से शुरू होगा। साल 2023-24 के पहले 11 महीने के दौरान मारुति ने रेलवे के जरिये 4,09,000 गाड़ियों की ढुलाई की थी जबकि शेष गाड़ियां सड़क मार्ग से भेजी गई थीं। नई लाइन के कारण इसमें काफी बढ़ोतरी होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा ‎कि एक रेक (ट्रेन) 270 से 300 कारें ले जाती है और इसलिए यह 40 ट्रकों का स्थान ले लेती है। इसलिए नई रेलवे साइडिंग के कारण लगभग 50,000 ट्रकों के फेरे कम हो जाएंगे जिससे हमें 3.5 करोड़ लीटर जीवाश्म ईंधन बचाने में मदद मिलेगी।