विधायकों ने विधानसभा में लिया मिलेट्स लंच का लुत्फ..
रायपुर | मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के न्यौता पर छत्तीसगढ़ विधानसभा के सदस्यों ने बुधवार को मिलेट्स से बने व्यंजनों का लुत्फ उठाया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि उन्होंने सभी व्यंजन का आनंद लिया है । उन्होंने कहा कि मुझे रागी का हलवा बेहद पसंद है। साल 2023 मिलेट वर्ष के रूप में घोषित हुआ है। पिछले वर्ष हमने 52 हजार क्विंटल कोदो ,कुटकी, रागी की खरीदी की है । छत्तीसगढ़ एकमात्र राज्य है, जो समर्थन मूल्य पर कोदो, कुटकी और रागी की खरीदी कर रहा है ।उन्होंने कहा कि इन फसलों की खरीदी से किसानों को लाभ हुआ है। साथ ही उत्पादन भी बढ़ा है। मिलेट्स का उपयोग सभी को ज्यादा से ज्यादा करना चाहिए क्योंकि इसमें बहुत से पौष्टिक तत्व होते हैं ।
हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छत्तीसगढ़ के मिलेट्स मिशन की प्रशंसा की थी। उन्होंने रायपुर में मिलेट्स खोलने का आग्रह किया था। उनके आग्रह को देखते हुए हम मंत्रालय में मिलेट्स कैफे खोल रहे हैं। साथ ही संभागीय सी-मार्ट केंद्रों में भी मिलेट्स कैफे शुरू किया जाएगा।छत्तीसगढ़ विधानसभा के समस्त सदस्यों के लिए मिलेट से बने व्यंजनों को प्रदर्शित करने और इसको लोकप्रिय बनाने के उद्देश्य से दोपहर भोज का आयोजन किया गया।
इस क्रम में बुधवार को दोपहर के भोजन में कोदो, कुटकी और रागी के विभिन्न व्यंजनों के भोजन तैयार किए गए, जिसमें मिलेट से तैयार छत्तीसगढ़ी व्यंजन भी शामिल रहे।मिलेट्स लंच में विधायकों के लिये मिलेट्स से बने हर तरह के व्यंजन उपलब्ध रहे । खास बात है कि सभी व्यंजनों में छत्तीसगढ़ी का तड़का रहा । मैन्यू में रागी का सूप , स्टार्टर में रागी के पकोड़े, कोदो के भजिए, बाजरा और गुड़ के पुए, कुटकी के छत्तीसगढ़ी फरे, रागी, कुटकी के चीले, मेन कोर्स में बाजरे की छत्तीसगढ़ी कढ़ी, लाल भाजी, जिमी कांदा, कोदो का वेज पुलाव, ज्वार, बाजरा , रागी के रोटी और पराठे का सभी ने स्वाद लिया। इसके साथ ही डेजर्ट में रागी, कुटकी का कप केक, रागी का हलवा, और कोदो की ड्राई फ्रूट्स खीर का लुत्फ उठाया ।
छत्तीसगढ़ में मिलेट्स मिशन की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी हाल ही में सराहना की है । मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दिल्ली प्रवास के दौरान प्रधानमंत्री मोदी को राज्य में संचालित मिलेट्स मिशन के बारे में जानकारी दी थी। मुलाकात के दौरान मोदी ने रायपुर में मिलेट्स कैफे खोलने की सलाह भी दी थी। राज्य शासन ने 1 दिसंबर 2021 से मिलेट मिशन प्रारंभ किया गया है। जिसका प्रमुख उद्देश्य प्रदेश में मिलेट (कोदो, कुटकी, रागी, ज्वार इत्यादि) की खेती को बढ़ावा देना, मिलेट के प्रसंस्करण को बढ़ावा देना और दैनिक आहार में मिलेट्स के उपयोग को प्रोत्साहित कर कुपोषण दूर करना है।
इसके लिए छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ के माध्यम से प्रदेश में कोदो, कुटकी एवं रागी का न्यूनतम क्रय मूल्य निर्धारित करते हुए उपार्जन किया जा रहा है। वर्ष 2021-22 में कुल राशि 16.03 करोड़ के 52,728 क्विंटल का कोदो, कुटकी एवं रागी का उपार्जन किया गया। प्रदेश में मिलेट के प्रसंस्करण को बढ़ावा देने के लिए स्थानीय स्तर पर प्रसंस्करण केन्द्र स्थापित किए गए हैं। कांकेर जिले में अवनी आयुर्वेदा की ओर से 5,000 टन क्षमता के मिलेट प्रसंस्करण केन्द्र निजी क्षेत्र में स्थापित किया गया हैं, जो कि एशिया की सबसे बड़ी मिलेट्स प्रसंस्करण इकाई है।
छत्तीसगढ़ में मिलेट्स को मिड डे मील में भी शामिल किया गया है, जिससे कुपोषण को पूरी तरह समाप्त किया जा सके । स्कूलों में बच्चों को मिड डे मील में मिलेट्स से बने व्यंजन दिये जा रहे हैं, जिनमें मिलेट्स से बनी कुकीज,लड्डू और सोया चिक्की शामिल हैं । यह राज्य के लिए बड़ी उपलब्धि है।छत्तीसगढ़ देश में पहला ऐसा राज्य है जो समर्थन मूल्य पर मिलेट्स की खरीदी कर रहा है। राज्य के 14 जिलों में संचालित इस मिशन के अंतर्गत कोदो-कुटकी-रागी का समर्थन मूल्य तय करने के साथ-साथ छत्तीसगढ़ लघु वनोपज सहकारी संघ के अंतर्गत महिला स्व सहायता समूहों के माध्यम से संग्रहण की व्यवस्था भी की गई। राजीव गांधी किसान न्याय योजना के दायरे में इन फसलों को शामिल करके किसानों को इनपुट सब्सिडी भी दी जा रही है।