कोटा । राजस्थान के कोटा उत्तर नगर निगम में रहने वाले लोगों को अब कचरा उठवाने के लिए पैसा भी देना होगा। कचरा उठाने के बदले कोटा उत्तर नगर निगम अब शुल्क वसूलेगा। अभी तक कोटा में यह व्यवस्था फ्री थी। लेकिन निगम ने अपने 70 वार्डो से कचरा उठाने, ट्रेंचिंग ग्राउंड तक पहुंचाने के लिए प्राइवेट फॉर्म को ठेका दिया है। इसी के साथ वर्क आर्डर भी जारी कर दिए हैं। 3 साल के लिए ठेका 49.80 करोड़ रुपए का हुआ है। ठेका कंपनी 22 जुलाई से शहर में कचरा उठाने के साथ शुल्क वसूली के लिए सर्वे शुरू करेगी। सर्वे के साथ-साथ फर्म जिओ टेकिंग और आरएफआईडी टेकिंग भी करेगी। इस नई व्यवस्था में करीब 2 महीने का समय लगेगा।
साल 2019 में प्रदेश की सरकार ने सफाई के लिए बायलॉज लागू किए थे। जिसमें साफ कर दिया था कि नगर निकायों को अपने यहां सफाई खुद करनी होगी बदले में शुल्क और गंदगी फैलाने वालों से जुर्माना वसूली का अधिकार भी होगा। 3 साल पहले कोटा नगर निगम ने तैयारी की थी, लेकिन नियम शर्ते लागू नहीं हो पाई। अब योजना में संशोधन किया है और योजना को धरातल पर लाया जा रहा है। जयपुर, जोधपुर, डूंगरपुर में इस योजना पर काम हो रहा है। नई व्यवस्था में उत्तर नगर निगम अपने 234 टिप्पर ठेकेदार फर्म को देगी। फॉर्म टिप्पर के रखरखाव की जिम्मेदारी भी इस फॉर्म की होगी। कचरा पॉइंट से कचरा उठाने के लिए ट्रैक्टर ट्राली ड्राइवर हेल्पर भी लगाए जाएंगे। निगम क्षेत्र की हर कॉलोनी, मोहल्ले, बाजारों में गली के दोनों कॉर्नर के मकानों दुकानों की दीवार पर गैजेट लगाया जाएगा। यह गैजेट उसे गली में टिप्पर के आते ही उसे रेड करेगा। साथ ही यह गैजेट कंट्रोल रूम से कनेक्ट रहेगा।