जयपुर । जयपुर विकास प्राधिकरण द्वारा जोन-1 के क्षेत्राधिकार में ग्राम मोटू का बास में करीब 11 बीघा निजी खातेदारी की भूमि पर अवैध रूप से बसाई गई कॉलोनी को ध्वस्त किया गया। मुख्य नियंत्रक प्रवर्तन रघुवीर सैनी ने बताया जोन-1& के क्षेत्राधिकार सीकर रोड़ पर अवस्थित ग्राम-माटू का बास के खसरा नं. 11 मेें करीब 05 बीघा निजी खातेदारी भूमि पर बिना भूरूपान्तरण कराये नवीन अवैध आवासीय कॉलोनी बसाने के लिये डाली गयी ग्रेवल सडको को पूर्व में ध्वस्तीकरण किया जाकर जविप्रा अधिनियम 1982 की धारा 7(2) के तहत ध्वस्तीकरण की कार्यवाही में खर्चा राशि 6717 रूपये वसूली हेतु दिनांक 22.12.2021 को नोटिस जारी किया गया राजस्थान कृषि अधिनियम 1956 की धारा 175 के तहत अग्रिम कार्यवाही हेतु उपायुक्त जोन- को पत्र लिखा गया था। उक्त भूमि पर पुन: अवैध कॉलोनी बसाने के प्रयोजनार्थ बिना जेडीए की अनुमति व स्वीकृति के सडको को पुन: ठीक करने एवं बनायी जा रही ग्रेवल सड़के, व अन्य अवैध निर्माणों को जोन-1& के राजस्व व तकनीकी स्टॉफ की निशादेही पर प्रवर्तन दस्ते द्वारा जेसीबी मशीन व मजदूरों की सहायता से पूर्णत: ध्वस्त किया जाकर नवीन अवैध आवासीय कॉलोनी बसाने के प्रयास को विफल किया गया। उक्त कार्यवाही प्रवर्तन अधिकारी जोन-1& तथा प्राधिकरण में उपलब्ध जाप्ते, लेबर गार्ड एवं जोन में पदस्थापित राजस्व व तकनिकी स्टॉफ की निशादेही पर प्रवर्तन दस्ते द्वारा सम्पादित की गई। जेडीए द्वारा कृषि भूमि पर अवैध कॉलोनी विकसित करने व गैर कृषि उपयोग किये जाने के कारण संबंधित निजी खातेदारों के विरूद्ध धारा 175 राजस्थान कास्तकारी अधिनियम के तहत कार्यवाही कर खातेदारी सरकार के नाम करने के सबंध में विधिसम्मत कार्यवाही हेतु पुन: जोन उपायुक्त-1 को लिखा गया है। संबंधित से जेडीए के ध्वस्तीकरण की कार्यवाही का नियमानुसार खर्चा-वसूली व अवैध कॉलोनी बसाने वाली सोसायटियों के विरूद्ध रजिस्ट्रार, सहकारिता विभाग को नियमानुसार प्रभावी कार्यवाही हेतु लिखे जाने की कार्यवाहियॉ सुनिश्चित की जा रही हैं। ताकि अवैध कॉलोनी बसाने की प्रवृति पर प्रभावी अंकुश स्थापित हो सके। कृषि भूमि पर अवैध कॉलोनी विकसित करने व गैर कृषि उपयोग किये जाने के कारण संबंधित निजी खातेदारों के विरूद्ध धारा 175 राजस्थान कास्तकारी अधिनियम के तहत् कार्यवाही हेतु 67 पत्र उपायुक्त जोनस् को लिखे गये है तथा 4 निजी खातेदारो के विरूद्ध अवैध कॉलोनियों के ध्वस्तीकरण में मानवीय व भौतिक संसाधनो का सम्पूर्ण खर्च राशि का अकाउन्ट से आकंलन करवाकर नियमानुसार जविप्रा अधिनियम की धारा 7(2) के तहत् नोटिस जारी किये गये है।