जीएसटी से भरा सरकार का खजाना
नई दिल्ली । वित्त मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि जून महीने में भारत का सकल वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) राजस्व संग्रह 1,61,497 करोड़ रुपये रहा, जो साल-दर-साल आधार पर 12 फीसदी की वृद्धि दर्शाता है। इससे पिछले महीने मई 2023 में ये आंकड़ा 1,57,090 करोड़ रुपये रहा था। यानी बीते महीने से ये 4,407 करोड़ रुपये ज्यादा रहा है। जीएसटी की शुरुआत के बाद से ये लगातार चौथी बार है, जबकि सकल जीएसटी कलेक्शन 1.6 लाख करोड़ रुपये के पार पहुंच गया।
देश में जीएसटी लागू किए जाने के बाद इस साल अप्रैल 2023 में सबसे ज्यादा जीएसटी कलेक्शन किया गया था। ये आंकड़ा रिकार्ड 1.87 लाख करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया था। वहीं मासिक जीएसटी रेवेन्यू (जीएसटी) के डाटा पर नजर डालें तो लगातार 16 महीनों तक 1.4 लाख करोड़ रुपये से ऊपर बना हुआ है। इससे पहले तमाम रिपोट्र्स में इस बात की उम्मीद जताई जा रही थे कि जून का कलेक्शन, मई महीने की तुलना में ज्यादा रहेगा और 1.6 लाख करोड़ से पार जाएगा, जो सही साबित हुई है।
फाइनेंशियल ईयर 2021-22 में औसत मासिक जीएसटी कलेक्शन 1.10 लाख करोड़ रुपये रहा था, जबकि वित्त वर्ष 2022-23 में ये औसतन 1.51 लाख करोड़ रुपये और और 2023-24 की पहली तिमाही में औसत कलेक्शन 1.69 लाख करोड़ रुपये रहा है। ये आंकड़े इस बात को साफ करते हैं कि जीएसटी कलेक्शन में लगातार बढ़ोत्तरी देखने को मिल रही है। सरकार की ओर से पेश किए गए ताजा आंकड़ों के मुताबिक, जून 2023 में हुए कुल जीएसटी कलेक्शन में से सेंट्रल जीएसटी (सीजीएसटी) 31,013 करोड़ रुपये और स्टेट जीएसटी (एसजीएसटी) 38,292 करोड़ रुपये शामिल है।
गौरतलब है कि पुरानी अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था की जगह पहली जुलाई 2017 को देश भर में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू किया गया था। इसे देश में आजादी के बाद से सबसे बड़ा टैक्स सुधार माना जाता है। केंद्र सरकार के मुताबिक, आज से 6 साल पहले लागू जीएसटी ने देश के लोगों पर टैक्स का बोझ कम करने में मदद की है।