गजेंद्र सिंह शेखावत की बढ़ सकती हैं मुश्किलें
जोधपुर । बहुचर्चित संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी घोटाले मामले में राजस्थान हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से लगाई गई एप्लिकेशन को हाई कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है। हाई कोर्ट में सरकार की ओर से संशोधन प्रार्थना पत्र पेश किया गया था, सुनवाई में जस्टिस कुलदीप माथुर की बेंच ने सरकार की ओर से दाखिल प्रार्थना पत्र को मंजूर कर लिया। इस मामले में अब अगली सुनवाई 30 मई को निर्धारित की गई है।
सरकार की ओर से अभिषेक मनु सिंघवी ने पक्ष रखा और मामले में सरकार की ओर से संशोधन पत्र पेश किया गया है। हालांकि, इससे पहले गजेंद्र सिंह शेखावत के जोधपुर में होने पर कोर्ट में सरकार की ओर से इस बारे में सुनवाई के लिए कहा गया था जिस पर उसे खारिज कर तय समय पर ही सुनवाई किये जाने के लिए कहा गया था।इस मामले में संशोधन करते हुए एसओजी ने शेखावत को आरोपी बनाया और फिर सरकार ने कोर्ट में एप्लिकेशन दायर की, जिसे आज स्वीकार किया गया है। ऐसे में अब शेखावत की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
इससे पहले इसी माह में राज्य सरकार की ओर से अभिषेक मनु सिंघवी ने मामले में जिरह करते हुए कहा था कि शेखावत को एसओजी की एफआईआर में न तो आरोपी माना है और न ही गिरफ्तार कर रहे हैं। इस पर हाई कोर्ट ने शेखावत की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी। मामले के उल्टा पड़ने पर सरकार ने इस पर अभिषेक मनु सिंघवी द्वारा ब्रीफिंग सही तरीके से नहीं समझा पाने को लेकर संशोधन प्रार्थना पत्र लगाया।
इससे पूर्व 28 मार्च और 3 अप्रैल को हुई सुनवाई में जस्टिस मनोज गर्ग और प्रवीर भटनागर की बेंच ने सुनवाई पर इनकार कर दिया था। 13 अप्रैल को हुई सुनवाई में जस्टिस कुलदीप माथुर शेखावत को राहत देते हुए एसओजी व राजस्थान में कहीं दर्ज एफआईआर पर उनकी संभावित गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी और तीन सप्ताह बाद दोबारा सुनवाई के लिए कहा था। इसके बाद मामले में अब सुनवाई हुई जिसमें राज्य सरकार ओर से दी गई एप्लिकेशन स्वीकार कर लिया गया।