जयपुर । राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के राजस्थान पहुंचने से पहले राज्य में नेतृत्व में बदलाव की मांग एक फिर उठने लगी है यहा पूर्व उप-मुख्यमंत्री सचिन पायलट के समर्थकों ने मुख्यमंत्री पद के लिए उनका नाम पर जोर देना शुरू कर दिया है. वन मंत्री हेमाराम चौधरी और राज्य कृषि उद्योग बोर्ड की उपाध्यक्ष सुचित्रा आर्य ने पायलट को राज्य का मुख्यमंत्री बनाने की मांग की. दोनों पायलट के वफादार माने जाते हैं।
चौधरी ने कहा कि पार्टी नेतृत्व को राज्य में नए चेहरे को मौका देना चाहिए, क्योंकि इससे पार्टी को फायदा होगा चौधरी ने बाड़मेर में कहा, ‘‘मेरा ऐसा विचार है कि आने वाले समय में एक नए चेहरे को मौका दिया जाना चाहिए. बिना इंतजार किए बिना पार्टी नेतृत्व को इस पर निर्णय कर लेना चाहिए. यह पार्टी के हित में है.’’ उन्होंने कहा कि पायलट ने 2013 में पार्टी को पुनर्जीवित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और पार्टी 2018 में सत्ता में आई. चौधरी ने कहा, ‘‘उन्होंने जो मेहनत की, उसके बावजूद आज वह किसी पद पर नहीं हैं. उन्हें जिम्मेदारी दी जानी चाहिए. पार्टी आलाकमान को तय करना है कि उन्हें क्या जिम्मेदारी देनी है। राज्य कृषि उद्योग बोर्ड की उपाध्यक्ष सुचित्रा आर्य ने कहा कि सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाया जाना चाहिए और अगर मौजूदा स्थिति रहती है तो पार्टी का ‘बंटाधार’ होना तय है राज्य में कांग्रेस व सरकार के मौजूदा हालात के बारे में पूछे जाने पर आर्य ने कहा, ‘‘असमंजस की स्थिति है. इसे जल्द से जल्द ठीक नहीं किया गया तो स्थितियां बिगड़ सकती है अब बहुत अति हो गई, इसलिए सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बना देना चाहिए.’’ उन्होंने कहा, ‘‘सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बना दिया जाता है तो सरकार फिर आएगी. सचिन पायलट कांग्रेस में एक बड़ा चेहरा हैं।.वे जहां भी जाते हैं लाखों लोग उन्हें सुनने आते हैं. अब अति हो गई, इसलिए उन्हें मुख्यमंत्री बनाया जाना चाहिए। उल्लेखनीय है वन मंत्री चौधरी उन 19 विधायकों में शामिल हैं, जिन्होंने 2020 में पायलट की अगुवाई में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व के प्रति विरोध जताया था. एक अन्य घटनाक्रम में पार्टी के प्रदेश प्रभारी अजय माकन ने हाल ही में राज्य के प्रभारी के रूप में काम जारी रखने की अनिच्छा व्यक्त की है. पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े को लिखे पत्र में माकन ने जयपुर के 25 सितंबर के उस घटनाक्रम का हवाला दिया जब पार्टी के अनेक विधायक, विधायक दल की आधिकारिक बैठक में आने के बजाय संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल के आवास पर समानांतर बैठक में चले गए. बैठक के बाद गहलोत के समर्थक 90 से अधिक विधायकों ने पायलट को मुख्यमंत्री बनाए जाने के पार्टी के किसी भी संभावित कदम के खिलाफ विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी को इस्तीफा सौंप दिया. ये इस्तीफे अभी तक स्वीकार नहीं किए गए हैं और जोशी के पास लंबित है।