छत्तीसगढ़ में रासायनिक खाद का संकट
रायपुर । छत्तीसगढ़ में रबी सीजन में भी रासायनिक खाद का संकट मंडराने लगा है। किसान खाद नहीं मिलने और अधिक कीमत वसूलने की शिकायत कर रहे हैं। वहीं सरकार कह रही है कि संकट जैसी कोई बात नहीं है। इस सीजन में चार लाख 11 हजार टन उर्वरक वितरण का लक्ष्य निर्धारित है। किसान अब तक 51 प्रतिशत उर्वरक का उठाव कर चुके हैं। समितियों व निजी क्षेत्र में वर्तमान में एक लाख 37 हजार 699 टन उर्वरक स्टाक में है।
किसानों का आरोप है कि सरकार भले ही स्टाक होने का दावा कर रही है, लेकिन समितियों और दुकानों में खाद नहीं मिल रहा है। किसानों को खाद लेने की लिए भटकना पड़ रहा है। भाजपा ने इसे ही मुद्दा बना लिया है। पार्टी ने इस मामले को लेकर मंगलवार को राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा।
किसान मोर्चा के प्रदेश प्रभारी संदीप शर्मा ने कहा है कि प्रदेशभर में रबी फसल लेने वाले किसान एक बार फिर खाद के लिए भटकने को विवश हो रहे हैं। सहकारी समितियों में खाद की आपूर्ति नहीं होने से किसानों को खाद का वितरण नहीं हो पा रहा है।
दूसरी तरफ प्रदेश में खाद की कालाबाजारी के चलते किसानों को महंगे दाम पर डीएपी और यूरिया खाद खरीदना पड़ रहा है। शर्मा ने कहा कि प्रदेश में खाद का कृत्रिम अभाव पैदा कर किसानों का शोषण किया जा रहा है।
चार लाख टन वितरण का लक्ष्य
कृषि विभाग ने राज्य में रासायनिक खाद की मांग और आपूर्ति को लेकर आंकड़ा जारी किया है। विभाग के अनुसार अब तक करीब डेढ़ लाख टन रासायनिक खाद का वितरण किया जा चुका है। इसमें यूरिया 66,109 टन, डीएपी 25,297 टन, एनपीके 17,563 टन, पोटाश 10,800 टन और सुपर फास्फेट 22,027 टन शामिल है। सहकारी समितियों व निजी क्षेत्रों में रबी सीजन के लिए अब तक करीब तीन लाख टन उर्वरकों का भंडारण कराया गया है, जो कि इस साल उर्वरक वितरण के लिए निर्धारित करीब चार लाख टन के लक्ष्य का 68 प्रतिशत है। भंडारण के विरुद्ध किसानों ने 51 प्रतिशत उर्वरक का उठाव किया गया है।
अब तक करीब 214 करोड़ कृषि ऋण का वितरण
इस सीजन में सरकार ने किसानों को 600 करोड़ रुपये के ऋण वितरण का लक्ष्य रखा है। किसानों को यह ऋण सहकारी समितियों के माध्यम से बिना ब्याज के दिया जा रहा है। अब तक करीब 214 करोड़ रुपये का ऋण वितरित किसानों को किया जा चुका है।
खाद के करीब चार फीसद नमूने फेल
इधर, नकली खाद की बिक्री पर लगाम कसने के लिए कृषि विभाग लगातार जांच कर रहा है। अब तक हुई जांच में चार फीसद नमूने फेल हो गए हैं। अफसरों ने बताया कि अब तक खाद के 418 नमूने विभिन्न् संस्थानों से लिए गए हैं। इनमें से 379 नमूनों की जांच में 16 अमानक पाए गए हैं। बाकी 33 नमूनों की जांच रिपोर्ट अभी नहीं आई है। इसी तरह बीज के 919 सैंपल में से 64 अमानक पाए गए हैं।
अब तक 76 फीसद बुआई
इस वर्ष रबी सीजन में 18 लाख 50 हजार हेक्टेयर में बोनी का लक्ष्य रखा गया है। अब तक 14 लाख हेक्टेयर से अधिक में बुआई हो चुकी है, जो लक्ष्य का करीब 76 फीसद है।