ई-गेमिंग कंपनियों पर कराधान को लेकर केंद्र ने स्थिति स्पष्ट की
नई दिल्ली । देशभर में चल रहे ई गेमिंग पर लगाए जाने वाले जीएसटी के लेकर लंबे समय से भ्रम की स्थिति बनी हुई थी। शनिवार को केंद्र सरकार ने राज्यों को स्पष्ट करते हुए कहा कि ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों पर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) पूर्व तिथि से नहीं लगाया जा रहा है,क्योंकि पुराने कानून के तहत सट्टेबाजी में शामिल कुछ ऑनलाइन गेम पर पहले से ही 28 प्रतिशत जीएसटी लगाया जा रहा था। महाराष्ट्र के मंत्री दीपक वसंत केसरकर के अनुसार, 7 अक्टूबर को जीएसटी परिषद की बैठक के दौरान कुछ राज्यों ने ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों पर पूर्व प्रभाव से जीएसटी लगाने का मुद्दा उठाया। जिसको लेकर केंद्र सरकार ने पूरी स्थिति स्पष्ट की है।
केंद्र सरकार के राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा ने बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए एक सवाल के जवाब में कहा, कुछ सदस्यों को सूचित किया गया था कि यह पूर्व प्रभाव से लागू नहीं है और यह पहले से ही कानून था। ये देनदारियां पहले से ही मौजूद थीं क्योंकि पैसे वाले ऑनलाइन गेम दांव के साथ खेले जाते थे... वे पहले से ही सट्टेबाजी या जुए के माध्यम से 28 प्रतिशत जीएसटी के दायरे में थे।कई ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों को कथित तौर पर 55 हजार करोड़ रुपये की कुल राशि के साथ जीएसटी चोरी के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। कई लोगों ने इसे पूर्व तिथि से प्रभावी कराधान करार दिया है और दावा किया है कि नोटिस गेमिंग प्लेटफार्मों के लिए नए कर स्लैब के लिए 1 अक्टूबर 2023 की कार्यान्वयन तिथि से पहले की अवधि से संबंधित हैं। हालांकि इससे पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि यह मुद्दा जीएसटी परिषद की बैठक के एजेंडे में नहीं था, लेकिन बैठक खत्म होने के बाद गोवा जैसे कुछ राज्यों ने इसे उठाया था।