जयपुर । वाणिज्यिक कर विभाग की एमनेस्टी स्कीम 2022 की बजट घोषणा के उपरान्त स्कीम के अन्तर्गत व्यवहारियों को 2021 की स्कीम की अपेक्षा अधिक छूट प्रदान की गई है। इन विशेषताओं के बारे में मुख्य आयुक्त रवि जैन ने बताया कि इस स्कीम में घोषणा पत्रों से संबंधित मांगों के लिए व्यवहारी अण्डरटेकिंग के साथ माल के आवागमन के संदर्भ में कोई भी साक्ष्य प्रस्तुत कर देता है तो टैक्स में शत-प्रतिशत छूट का प्रावधान किया गया है। जबकि यह प्रावधान पिछली एमनेस्टी स्कीम में नहीं था। इसी प्रकार इस स्कीम की केटेगरी 2 में 50 प्रतिशत के स्थान पर ब्याज और शास्ति के साथ 60 प्रतिशत कर में छूट प्रदान की गई है। 
उन्होंने यह भी बताया कि राज्य सरकार के सभी उपक्रमों एवं रक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के संस्थापन के विरूद्ध परादेय मांग/विवादित रकम प्रकरणों में कर, व्याज व शास्ति से शत-प्रतिशत छूट प्रदान की गई है। इसके साथ ही जिन मांगों में किसी प्रकार का कोई विवाद नहीं है, उसमें शास्ति और ब्याज के साथ टैक्स में भी 25 प्रतिशत की छूट प्रदान की गई है, जबकि पिछली स्कीम में ब्याज और शास्ति के साथ 10 प्रतिशत कर में छूट प्रदान की गई थी।  श्री रवि जैन ने बताया कि जो करापंवचन से संबंधित बकाया मांग है यथा मिथ्या या कूटरचित बीजकों से संबंधित, फर्जी/मिथ्या आगत कर, संव्यवहार जो लेखा पुस्तकों में दर्ज नहीं है से संबंधित अपवंचित मामलों में ब्याज एवं शास्ति में शत-प्रतिशत छूट प्रदान की गई है जबकि पिछली स्कीम में कर के साथ 20 प्रतिशत शास्ति भी जमा करवाई जानी थी।