छत्तीसगढ़ से एक साथ 27 लोग बने शतरंज के राष्ट्रीय निर्णायक
ऑल इंडिया चेस फेडरेशन की योजना चेस फार एवरीवन जिसका प्रमुख उद्देश्य देश के सभी राज्यों के प्रत्येक जिले से आर्बिटर तैयार कर जिला स्तर पर निर्णायकों को लेकर हो रही समस्याओं को दूर कर प्रतियोगिता सुचारू रूप से कम खर्चों में सपंन्न कराना है। 30 जनवरी को शतरंज के वरिष्ठ राष्ट्रीय निर्णायक तथा राष्ट्रीय निर्णायक के लिए ऑनलाइन परीक्षा आयोजित की गई थी जिसमें छत्तीसगढ़ से एक साथ 27 लोगों ने सफलता अर्जित कर प्रदेश का मान बढ़ाया है।
रायपुर के मयंक देवांगन व बिलासपुर के चंद्रेश सिन्हा ने ए ग्रेड से परीक्षा उत्तीर्ण कर क्रमशः प्रावीण्य सूची में छठवां व सातवां स्थान प्राप्त करते हुए शानदार उपलब्धि हासिल की है। राष्ट्रीय निर्णायक की परीक्षा दो स्तरों पर आयोजित हुई थी। जिसमे वरिष्ठ राष्ट्रीय निर्णायक के रूप में अंजुम, अब्दुल शमीम कुरैशी, राकी देवांगन, दिव्यांशु उपाध्याय, गौरव पृथयानी, मिथलेश बंजारे, महिमा लड्ढा, आलोक सिंह क्षत्रिय, रितेश यादव, भावना जायसवाल, आशुतोष साहू, खिलेंद्र साहू, राकेश चंद्राकर, ईश्वर नेताम,ओमप्रकाश,चंद्रेश सिन्हा, मयंक देवांगन ने सफलता हासिल की। वहीं राष्ट्रीय निर्णायक के रूप यशवंत चौधरी, पुष्पांजलि चौधरी, राजेश्वरी ध्रुवंशी, संयोगिता, प्राची यादव,अफसा परवीन,सोनिया भगत,मनोज जायसवाल,राजेश जेना व अरविंदनाथ कुलगुरु सफल हुए हैं। छत्तीसगढ़ प्रदेश शतरंज संघ के सचिव हेमन्त खुटे ने जानकारी देते हुए बताया कि पहली बार छत्तीसगढ़ में शतरंज के निर्णायक के रूप में इतनी तादाद में परीक्षार्थी शामिल हुए और अपने पहले ही प्रयास में सभी ने शानदार सफलता अर्जित करते हुए अपने-अपने जिला तथा प्रदेश का गौरव बढ़ाया है।