जयपुर। राजस्थान में सरकारी परिवहन को बसों के टोटे के चलते संक्रमण हो गया है यात्रीभार बढ रहा है लेकिन बसें घटती जा रही है प्रदेश मेश्ं पिछले तीन साल में राजस्थान में 1875 बसें कबाड हो गई है जबकि इसके मुकाबले नई बसों की खरीद नहीं हुई है। प्रदेश में एक हजार बसें कम हो गई है राजस्थान में वर्ष 2018 में रोडवेज और अनुबंधित बसों की कुल संख्या 5243 थी, लेकिन अब हालात विकट है 2019 में 875 बसों की खरीद हुई है। एक बारगी राहत मिली थी लेकिन कबाड होने का सिलसिला जारी रहने और नई खरीद नहीं होने से प्रदेश में अब अनुबंधित सहित 4205 ही बसें बची है केवल रोडवेज की बसों की संख्या देखें तो यह 4224 से घटकर 3350 ही रह गई है। प्रदेश में पिछले तीन साल में यात्रियों की संख्या 25 फीसदी से अधिक बढकर दस लाख के करीब हो गई है लेकिन बसें घटने से परिवहन का सिस्टम बिगड गया है बसें कम होने से प्रदेश में सभी मार्गो पर संचालित बसों के फेरे या तो कम कर दिए गए है या फिर रूट बंद किए जा रहे है बसों में सीटो से जयादा यात्रियों को ले जाना पड रहा है आमजन को खडे होकर यात्रा करनी पडती है परिवहन की को संजीवनी के लिए बसें जरूरी हो गई है। पिछले दिनों रीट या एसआई भर्ती परीक्षा के दौरान लाखों अभ्यर्थियों को सरकार की निशुल्क बस सेवा के तहत परिवहन में भारी परेशानी का सामना करना पडा था प्राइवेट बसें भी हॉयर करनी पडी थी जिसके पेटे भी करोडो रूपए उन्हें देने पडे थे।