मेले में आर्टिजंस की 70 लाख रू. से अधिक मूल्य के उत्पादों की हुई बिक्री

जयपुर। नई दिल्ली के बीकानेर हाउस में आयोजित साप्ताहिक तीजोत्सव क्राफ्ट एवं फूड मेले का बुधवार को पूरे हर्षोल्लास के साथ समापन समाप्त। इस तीजोत्सव में राजस्थान के विभिन्न अंचलों से आए दस्तकारों, हस्तकलाकारों सहित विविध कलाओं के कलाकारों के और खानपान के स्टॅाल्स पर लगभग 70 लाख रूपये की बिक्री हुई।


    
राजीविका की स्टेट प्रोजेक्ट प्रबंधक श्रीमती नीरू मीना ने बताया कि मेले में राजीविका के माध्यम से दिल्ली आए महिला स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित इन कलाकारों द्वारा 47 स्टॅाल लगाए गए जिनमें हैंड ब्लॅाक बेडशीट, सूट, साड़ी, कंगन और ज्वैलरी, मोजड़ी, लाख की वस्तु, चमड़े से बने सामान सहित राजस्थानी व्यंजनों के स्टॅाल पर खूब बिक्री हुई। उन्होंने बताया कि राजीविका के स्टॅाल्स पर लगभग 52 लाख से अधिक राशि के सामान की बिक्री हुई। 
    
सरस डेयरी के आवासीय प्रबंधक श्री सुरेश सेन ने बताया कि इस तीजोत्सव में सरस के दुग्ध उत्पादों को लोगों ने काफी पसंद किया। विभिन्न जिला दुग्ध संघों से प्राप्त मिठाईयों में अलवर का कलाकंद, बीकानेर का रसगुल्ला, गुलाब जामुन, सोहन पापड़ी, श्रीगंगानगर से गाय का घी, अलवर से छाछ, लस्सी और श्रीखंड ने लोगों मे अपनी अलग पहचान बनाई। उन्होंने बताया कि सरस के कांउटर पर लगभग 3 लाख रूपये की बिक्री हुई।

रूडा के श्री ओम प्रकाश ने बताया कि मेले में रूडा की तरफ से लगाए गए 16 राजस्थानी हस्तशिल्प और परिधानों से जुड़े स्टॅाल्स पर लगभग 16 लाख रू. से अधिक की बिक्री हुई।


 
अतिरिक्त आवासीय आयुक्त श्रीमती अंजु ओम प्रकाश ने बताया कि मेले के समापन दिवस पर बांग्लादेश की उच्चायुक्त की पत्नी श्रीमती शाजिया ने मेले का अवलोकन किया। इस अवसर पर उन्होंने राजस्थानी कला और संस्कृति के अद्भुत संगम रूपी इस मेले की प्रशंसा की।
     
उल्लेखनीय है कि राजस्थान के मुख्य सचिव श्री सुधांश पंत द्वारा शुभारंभ किए इस मेले का उदेश्य दिल्ली में अप्रवासी राजस्थानियों और दिल्लीवासियों को राजस्थान के पारंपरिक व्यंजन, हस्तकला परिदृश्य से अवगत करवाना था।