बीएसएफ को मिली बड़ी ताकत, अब समुद्री सुरक्षा भी होगी और मजबूत
कच्छ । बीएसएफ को बड़ी ताकत मिलने जा रही है, इससे अब समुद्री सुरक्षा भी और मजबूत होगी। राजस्थान का जैसलमेर, अरुणाचल प्रदेश, गुजरात का कच्छ इलाका, हमारे देश की सीमा पर चाहे जैसी भी परिस्थितियां हों, गृह मंत्री अमित शाह की हमेशा यही रणनीति रही है कि सरहदों पर सुरक्षा हमेश मजबूत रहे। इसी कड़ी में गृह मंत्री अमित शाह ने गुजरात के कच्छ में समुद्री सुरक्षा मजबूत करने का अचूक प्लान बनाया है। गृह मंत्री अमित शाह ने कच्छ जिले में संवेदनशील सर क्रीक और हरामी नाला का दौरा किया और यहां 257 करोड़ रुपये की लागत वाले ‘मूरिंग प्लेस’ (लंगरगाह) की नींव रखी। यह मूरिंग प्लेस 400 से अधिक जलीय वाहन और पाकिस्तान के साथ तटीय सीमा के पास सीमा सुरक्षा बल द्वारा संचालित चौकियों की फ्लोटिंग बीओपी (बॉर्डर ऑउट पोस्ट्स) की सर्विस और रखरखाव में मदद करेगा। कोटेश्वर में 60 एकड़ में फैले मूरिंग प्लेस के भूमि पूजन के बाद अमित शाह ने कहा कि एक बार यह तैयार हो जाने के बाद, बीएसएफ की समुद्री टुकड़ी द्वारा उपयोग की जाने वाली नौकाओं को सीमा क्षेत्र में आसानी से बनाए रखा जा सकता है।
उन्होंने कहा कि आपके पास 400 से अधिक पानी के जहाज हैं और यह सुविधा उन्हें अच्छी स्थिति में रखने में मदद करेगी। इस लंगरगाह में प्रशासनिक भवन, ऑफिसर्स मेस, कैंटीन, परेड ग्राउंड, प्रशिक्षण केंद्र और सर क्रीक में बीएसएफ द्वारा संचालित वॉटरक्राफ्ट और फ्लोटिंग बीओपी के लिए एक वर्कशॉप शामिल होगी। प्रत्येक फ्लोटिंग बीओपी लगभग 30 कर्मियों और कई निगरानी उपकरण ले जा सकती है। मंत्री ने यहां सर क्रीक एरिया का दौरा किया। यहां हुई पेट्रोलिंग के दौरान जवानों से भी बात हुई, जिसमें उन्होंने बताया कि ‘अक्सर मछुआरे पाकिस्तान की तरफ से भारत में दाखिल होते हैं, उनपर हमेशा हमारी नजर रहती है।
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि बीएसएफ को उन क्षेत्रों में सीमाओं की सुरक्षा की जिम्मेदारी दी गई है, जहां तापमान शून्य से 43 डिग्री नीचे से 43 डिग्री सेल्सियस तक रहता है और वे सुंदरबन और हरामी नाला से सटे क्षेत्रों को सुरक्षित रखने के लिए सतर्क रहते हैं। उन्होंने कहा कि भारत के विभाजन के बाद, बीएसएफ को पाकिस्तान और बांग्लादेश से लगी देश की सीमाओं की सुरक्षा की जिम्मेदारी दी गई थी। तटीय सुरक्षा देश के लिए सबसे महत्वपूर्ण है। गुजरात के तट पर कई महत्वपूर्ण संस्थान, परमाणु स्टेशन, मिसाइल प्रक्षेपण क्षेत्र, अनुसंधान केंद्र, उद्योग और बंदरगाह स्थित हैं। उनकी 365 दिन चौबीसों घंटे सुरक्षा करना महत्वपूर्ण है।