मध्य प्रदेश का संस्कृति विभाग हुआ कला के प्रति सजग

मूमल नेटवर्क, भोपाल। भारत में मध्य प्रदेश एक ऐसा राज्य है जहां पर सांस्कृतिक गतिविधियां सबसे ज्यादा होती हैं। सांस्कृतिक हलचलों पर यहां करोड़ो रुपए खर्च किए जाते हैं। संस्कृति व कला को सहेजने के लिए प्रदेश में 27 अकादमियां कार्य कर रही हैं। लेकिन भारत भवन के अलावा शेष अकादमियां अभी तक अपनी स्थापना के उद्देश्य को पूरी तरहा से पाने में सफल नहीं हो पाई हैं। अपने स्थापना के उद्देश्यों को प्राप्त करने और अकादमियों के कार्य संचालन को सफलता की ओर ले जाने के लिए प्रदेश का संस्कृति विभाग अब सजग और गंभीर हो गया है। विभाग के प्रमुख सचिव मनोज श्रीवास्तव की इस सम्बन्ध में प्रशासन से गंभीर चर्चा हो चुकी है तथा तय नीतियों को अमली जामा पहनाने की तैयारी भी की जा चुकी है।
सबसे पहले प्रदेश में स्टेट स्कूल ऑफ ड्रामा की तर्ज पर स्टेट स्कूल ऑफ म्यूजिक की स्थापना की तैयारियां शुरु कर दी गई हैं। यह स्कूल ट्राईबल, फोक और कंटेम्पररी को फोकस करेगा। इस स्कूल के साथ ही पेंटिंग और थिएटर आर्टिस्ट पर भी विशेष कार्यक्रम चलाए जाएंगे। इसके तहत विभाग द्वारा ऐसे कार्यक्रमों की प्रमुख रूप से योजना बनाई जा रही है जिसमें नामचीन कलाकारों के साथ बच्चे रूबरू होकर संवाद करें और अपनी जिज्ञासा शांत कर सकें।
प्रमुख सचिव मनोज श्रीवास्तव ने गुरु शिष्य परम्परा को मजबूती देने के लिए 'युग्म' नाम से कार्यक्रम आरम्भ करने के निर्देश दे दिए हैं। इसके साथ ही कलाकारों व कलाप्रेमियों को विभाग व प्रदेश की सभी अकादमियों द्वारा आयोजित कार्यक्रमों और योजनाओं की जानकारी देने के लिए एक मासिक पत्रिका का प्रकाशन कार्य किया जा रहा है जिसका विमोचन जल्द ही किया जाएगा। इस पत्रिका में महीने भर के काय्रक्रमों के विवरण के साथ कला समीक्षकों के लेख भी प्रकाशित होंगे