मुक्ताकाश पर संगीत, आर्ट गैलरी में लाइव पेंटिंग

रायपुर। संस्कृति विभाग के मुक्ताकाश मंच पर एक तरफ गीत-संगीत का दौर चल रहा था तो दूसरी तरफ आर्ट गैलरी में हमर आर्ट ग्रुप एवं छपाक आर्ट शाला के ऑर्टिस्ट मॉडल्स को बैठाकर ड्राइंग शीट पर उनकी लाइव पेंटिंग करते नजर आए। इसे ड्राइंग में रुचि रखने वालों ने उत्सुकता से देखा। वहीं गीत-संगीत की महफिल में श्रोताओं को खुशनुमा माहौल देने में युवा फनकारों ने भी कोई कसर नहीं छोड़ी। रविवार की शाम 5 से 8 बजे तक उभरते गायकों ने लोगों का मनोरंजन किया।
मुक्ताकाश मंच पर गरिमा दिवाकर, स्वर्णा दिवाकर, विकास श्रीवास्तव, स्वेता गरिमा दास ने गिटार, तबला, हारमोनियम, कीबोर्ड जैसे स्टूमेट्स पर गीतों की श्रृंखला सजाई। इन्होंने 'जिया जिया रे जिया'....,'हां हसी बन गए'...., 'सावन बीता जाए पिहरवा'...., 'मुस्कराने की वजह'...., 'आजे के चंदा'....,जैसे गीतों की शानदार प्रस्तुति दी। इस दौरान शशांक ने गिटार प्ले करके श्रोताओं से वाहवाही लूटी। प्रोग्राम में हर वर्ग के श्रोताओं के बीच युवा फनकारों ने फिल्मी और छत्तीसगढ़ी लोक गीतों की श्रृंखला में एक से बढ़कर एक गीतों को पेश करके छुट्टी के दिन लोगों का मनोरंजन किया।
मॉडल को उतारा...
जैसे ही मॉडल समीक्षा बंसल और सायली खांडवेकर आर्ट गैलरी पहुंचीं, उनका आयोजन संस्था की ओर से ऑर्टिस्ट प्रमोद साहू ने स्वागत किया। इसके बाद उन्हें सामने बैठाकर ऑटिस्ट विजय निषाद, युगल किशोर, खुशाल साहू, नेपाल पाल और धनंजय साहू ने ए-3 साइज ड्राइंग सिट पर हूबहू चित्रकारी की। पेंसिल से चेहरे की भाव-भंगिमाओं को आकार देने के बाद वाटर कलर और चारकोल की मदद से ड्राइंग को कलरफुल किया। इसे देख रहे युवा चित्रकारों ने प्रमोद से सवाल भी पूछे। जवाब देते हुए ऑर्टिस्ट ने बताया कि जितनी एकाग्रता होगी, उसी के अनुरूप चित्रकारी में निखार आएगा। इसके लिए नियमित प्रैक्टिस की जरूरत होगी।